Waqf Amendment Bill BJP MP Jagadambika Pal Rebuts Congress Criticism.

वक्फ (संशोधन) विधेयक की संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि अगर यह वक्फ विधेयक असंवैधानिक कानून था, तो राहुल गांधी को संसद में कहना चाहिए था. उन्हें ये साफ करना चाहिए कि जो संशोधन किया जा रहा है, वह असंवैधानिक है. उन्होंने इस पर कोई सुझाव नहीं दिया, कोई तर्क नहीं दिया, न ही प्रियंका ने कोई तर्क दिया और न ही सोनिया गांधी ने राज्यसभा में कोई तर्क दिया.

जगदंबिका पाल ने कहा कि बिना किसी तर्क के लोकसभा के ऊपर सोनिया गांधी का बयान दे देना बिल्कुल भी सही नहीं है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार लोकसभा या राज्यसभा में किसी विधेयक पर इतनी लंबी चर्चा हुई. 11 बजे दिन से ढाई बजे रात तक लोकसभा में चर्चा हुई और 4 बजे तक राज्य सभा में चर्चा हुई. इतनी चर्चा के बाद देश के अलग-अलग राज्यों में बातचीत और सुझाव लिए गए.

हमने लंबी चर्चा के बाद 428 पेज की रिपोर्ट सौंपी

जगदंबिका पाल ने कहा कि सदन में पेश करने से पहले इस्लाम के स्कॉलर, रिसर्चर, हर स्टेट के बार काउंसिल लॉयर्स, पूर्व जज, आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से लेकर जकात फाउंडेशन, तमाम मुस्लिम तंजीम, पसमांदा समाज से इतने बड़े डिस्कशन से लोगों के साथ चर्चा करने के बाद हमने अपनी रिपोर्ट दिया.

उन्होंने कहा मुझे खुशी है, पहली बार जेपीसी के सभी सदस्यों ने मिलकर 428 पेज की रिपोर्ट दी. उन्होंने कहा कि हमने रिपोर्ट में जो भी सुझाव दिए थे, सरकार ने उसे पूरी तरह से स्वीकार किया. इसके पहले 8 अगस्त को जो विधेयक लेकर आए थे उसमें हमने रिकमेंडेशन दिया और सरकार ने उसे माना है.

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किरण रिजिजू ने संसद में बोला था कि हम चाहते तो लोकसभा और राज्यसभा में हमारा बहुमत था, हम दोनों सदनों से पहले ही इसे पास करा लेते, लेकिन हम खुद चाहते थे कि एक पारदर्शी बिल बने.

जगदंबिका पाल ने कहा कि करीब 97 लाख मेमोरेंडम आए उसे ध्यान में रखते हुए हमने इतनी बड़ी प्रक्रिया को फॉलो किया. उन्होंने कहा कि किसी भी कानून को बनाने के लिए आजादी के बाद से इतनी बड़ी प्रक्रिया को फॉलो नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि मोदी जी से कार्यकाल का ये सबसे महत्वपूर्ण विधेयक है.

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